|| श्री कल्याण स्तवन ||
कल्याणाचे नाम कल्याणकारी।
कल्याणाचे ध्यान सर्वांसि तारी।
कल्याणाचा हस्त माथा जयाचे।
चारी मुक्ती वंदिती पाय त्याचे॥१॥
कल्याण होणे जरी तूज आहे।
कल्याणपायीं मन स्थीर राहे।
कल्याणवाणी पडता सुकानीं।
कल्याण जाले बहुसाल प्राणी॥२॥
अविनाश हें नाम कल्याण ज्याचें।
करी सर्व कल्याण सर्वा जिवांचे।
समर्थें जनी ऊतरायासी पारी।
अशी ठेविली मूर्ति कल्याणकारी॥३॥
श्रमहरणितटाकीं स्वामी कल्याणराजा।
परम दिनदयाळू नांदतो स्वामी माझा।
सदय ह्रदय जयाचें ध्यान हे आठवीतां।
परम सफल येतो मोक्ष कल्याण हाता॥४॥
श्रमहरणितटाकीं स्वामी कल्याणराजा।
परम दिनदयाळू नांदतो स्वामी माझा।
सदय ह्रदय ज्याचें ध्यान हे आठवीतां।
परम सफल येतो मोक्ष कल्याण हाता॥५॥
बहू मत्तमत्तांतरी दाटि जाली।
तयाचे पदीँ चित्तवृत्यादि ठेली।
जगज्जीवनाचा प्रभू जो अनामी।
नमस्कार साष्टांग कल्याणस्वामी॥६॥
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